(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विनय रूहेला ने हरिद्वार जिले में मानसून एवं आपदा प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा की। बैठक जिला कार्यालय सभागार में आयोजित की गई, जिसकी शुरुआत उन्होंने वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए की।
आपदा प्रबंधन की सतर्क तैयारी: हरिद्वार में अधिकारियों को निर्देश
श्री रूहेला ने कहा कि अधिकारियों को केवल दफ्तरों तक सीमित न रहकर अपने कार्यक्षेत्रों का भी नियमित निरीक्षण करना चाहिए।
विनय रूहेला की समीक्षा बैठक: कम संसाधन, अधिक परिणाम पर जोर
उन्होंने आपदा से संबंधित कार्यों को पूरी निष्ठा, ईमानदारी और गंभीरता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कम संसाधनों से अधिक लाभ कैसे लिया जाए, इस पर ध्यान देना होगा।
हरिद्वार तैयार मानसून के लिए: गड्ढामुक्त सड़कें और जलभराव से समाधान की योजना
जलभराव की संभावित स्थिति के लिए वैज्ञानिक समाधान अपनाने पर बल देते हुए सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई और उनके कार्यों की जांच एडीएम एफआर से कराने के निर्देश दिए।
आपदा से सुरक्षा के लिए विभागीय तालमेल और ज़मीनी निरीक्षण जरूरी
उन्होंने बताया कि मौसम विभाग ने इस वर्ष 28 प्रतिशत अधिक वर्षा की संभावना जताई है, ऐसे में अधिकारियों विशेषकर सिंचाई विभाग को पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए।
दफ्तर से मैदान तक: आपदा प्रबंधन में सक्रिय भागीदारी पर बल
उन्होंने बाढ़ नियंत्रण कार्यों की सभी जानकारी प्राधिकरण को विस्तृत रूप में उपलब्ध कराने को कहा।
लोक निर्माण विभाग की समीक्षा में उन्होंने निर्देश दिए कि सड़कों को गड्ढामुक्त बनाया जाए और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कम से कम 25 सड़कों का स्थलीय निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट फोटो और वीडियो सहित जिलाधिकारी को सौंपने को कहा। निर्माण सामग्री की अधिक सैम्पलिंग कर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
राजाजी नेशनल पार्क से संबंधित लंबित एनओसी के संबंध में वन विभाग को 15 दिन में स्पष्ट जानकारी देने के निर्देश दिए गए।
नगर निगम को शहर के नालों की सफाई और चेक डेम की मरम्मत के निर्देश दिए गए। विद्युत विभाग को करंट से बचाव की तैयारी समय से पूरी करने को कहा गया।
डूबने की घटनाओं को देखते हुए एक राफ्ट पुलिस को देने और दुर्घटना संभावित घाटों पर सूचना पट लगाने को कहा गया। चिकित्सा विभाग को सर्पदंश के लिए पर्याप्त एन्टीडोट की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया। जिलाधिकारी ने सर्पदंश व अग्निकांड को आपदा में शामिल कर मुआवजे का सुझाव दिया।
अंत में रूहेला ने कहा कि अधिकारी अच्छा कार्य कर रहे हैं तो उसकी प्रमाणिकता भी दिखनी चाहिए।
