(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के रोशनाबाद स्थित वंदना कटारिया स्पोर्ट्स स्टेडियम का नाम बदलने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।
राज्य सरकार ने इस स्टेडियम का नाम बदलकर ‘योगस्थली खेल परिसर’ रखने का फैसला किया है, जिसके विरोध में कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे महिला खिलाड़ियों के अपमान और सरकार की महिला विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया।
गौरतलब है कि वंदना कटारिया भारतीय महिला हॉकी टीम की स्टार खिलाड़ी रही हैं। टोक्यो ओलंपिक 2021 में उनके शानदार प्रदर्शन ने न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया था।
उनके योगदान को सम्मान देने के लिए हरिद्वार के इस खेल स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखा गया था। अब सरकार द्वारा इस नाम को बदलकर ‘योगस्थली खेल परिसर’ किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वंदना कटारिया की तस्वीरें लेकर प्रदर्शन किया और “खिलाड़ी का सम्मान करो, नाम परिवर्तन बंद करो” जैसे नारे लगाए।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह निर्णय महिला खिलाड़ियों के मनोबल को तोड़ने वाला है और राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाता है।
कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि वंदना कटारिया राज्य की शान हैं और उनका नाम हटाना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने सरकार से तत्काल फैसला वापस लेने की मांग की। विरोध प्रदर्शन में महिला कांग्रेस सहित कई युवा और खेल संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए।
वहीं, राज्य सरकार का पक्ष है कि हरिद्वार एक धार्मिक और योग नगरी है, और ‘योगस्थली’ नाम से इस क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को बल मिलेगा। खेल मंत्री का कहना है
कि यह बदलाव किसी व्यक्ति विशेष के अपमान के उद्देश्य से नहीं किया गया है, बल्कि व्यापक सांस्कृतिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
हालांकि स्थानीय लोगों और वंदना कटारिया के समर्थकों ने भी इस बदलाव पर नाराज़गी जाहिर की है। सोशल मीडिया पर भी कई खेलप्रेमियों और पूर्व खिलाड़ियों ने इस फैसले की आलोचना की है।
अभी तक वंदना कटारिया की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन उनके समर्थकों ने इसे निराशाजनक बताया है।इस पूरे विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है
कि क्या हमारे देश में खिलाड़ियों को वह स्थायी सम्मान मिल पाता है, जिसके वे वास्तव में पात्र हैं। आगामी दिनों में सरकार के रुख और वंदना कटारिया की प्रतिक्रिया पर सभी की नजरें टिकी होंगी।
