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“उत्तराखंड में जबरखेत मॉडल पर आधारित इको टूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित होंगे: मुख्य सचिव”

(शहजाद अली हरिद्वार)मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में इको टूरिज्म विकास हेतु राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एच.पी.सी.) की बैठक आयोजित हुई। बैठक में वन विभाग सहित संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया। इसमें प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए चल रहे प्रयासों और आगामी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि राज्यभर में जबरखेत मॉडल पर आधारित बड़े इको टूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित किए जाएं। ऐसे प्रमुख डेस्टिनेशन के चारों ओर छोटे-छोटे फॉरेस्ट टूरिस्ट स्टेशन स्थापित हों, जहां फॉरेस्ट ट्रैकिंग, बर्ड वाचिंग, वाइल्डलाइफ सफारी, हेरिटेज ट्रेल, इको कैंपिंग, नेचर एडवेंचर जैसे गतिविधियाँ उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि इन स्थलों को एक समग्र पर्यटन पैकेज के रूप में विकसित किया जाए।

उन्होंने विकास, मार्केटिंग और प्रभावी संचालन की रणनीति पर विशेष जोर दिया। प्रारंभिक चरण में 20–25 ऐसे इको टूरिज्म स्थल विकसित किए जाएंगे, जिनमें विकास की अधिक संभावनाएं हों। इसके साथ ही वर्तमान में मौजूद स्थलों में वेल्यू एडिशन कर उन्हें अधिक आकर्षक बनाने के निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव ने नंदा देवी पीक, जो 1980 के दशक से बंद है, वहां इको टूरिज्म की संभावनाओं की स्टडी करने को भी कहा। उन्होंने वन विभाग को प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर भी बल देने को कहा।

बैठक में सचिव वन सी. रवि शंकर, पीसीसीएफ धनंजय मोहन, मुख्य वन संरक्षक राहुल, अपर सचिव पर्यटन डॉ. पूजा गर्ब्याल, व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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