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“श्रमयोग से राष्ट्रयोग की ओर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय मजदूर संघ के 70वें वर्ष समापन समारोह में श्रमिकों को बताया राष्ट्र निर्माण का स्तंभ”

(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार। रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित भारतीय मजदूर संघ उत्तराखंड के युवा कार्यकर्ता सम्मेलन एवं संघ के स्वर्णिम सत्तरवां वर्ष समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। उन्होंने अपने संबोधन में श्रमिकों को देश की असली ताकत बताते हुए कहा कि “श्रमिक केवल श्रम के साधक नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के पथ निर्माता हैं।”मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ ने विगत 70 वर्षों में न केवल श्रमिकों के हक के लिए संघर्ष किया, बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने बताया कि यह संगठन 23 जुलाई 2025 को अपनी स्थापना के 70 वर्ष पूर्ण कर रहा है, और यह यात्रा संगठन की तपस्या, स्वदेशी विचारधारा और भारतीय संस्कृति के साथ राष्ट्र निर्माण के संकल्प की प्रतीक है।मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आजादी के बाद देश में संसाधनों की भारी कमी थी, लेकिन हमारे श्रमिकों ने देश को खड़ा करने में जो योगदान दिया वह अद्वितीय और अविश्वसनीय है। उन्होंने कहा कि आज जब देश संसाधनों से समृद्ध हो रहा है, तब श्रमिकों को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है।उन्होंने बताया कि पहले जब देश में श्रमिक आंदोलनों पर विदेशी विचारधारा का प्रभाव था, तब वंदे मातरम् और भारत माता की जय के उद्घोष को भी बाधित किया जाता था। लेकिन भारतीय मजदूर संघ ने स्वदेशी विचारधारा के साथ देश के श्रमिकों, युवाओं और विद्यार्थियों को नई दिशा दी है।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि ऋषिकुल परिसर में “मदन मोहन मालवीय राज्य शोध संस्थान” की स्थापना की जाएगी। इस संस्थान में योग, ध्यान, आयुर्वेद, ज्योतिष और अध्यात्म से संबंधित विषयों का अध्ययन और शोध कार्य होंगे। इससे उत्तराखंड में स्पिरिचुअल टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा और राज्य को एक वैश्विक पहचान मिलेगी।मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रमिकों के हित में सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि श्रम पोर्टल पर अब तक करोड़ों श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है। सरकार उन्हें ईएसआई, ईपीएफ, बीमा, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं दे रही है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि राज्य सरकार द्वारा 75 मेधावी श्रमिक बच्चों को रुद्रपुर टेक्निकल इंस्टीट्यूट में निःशुल्क तकनीकी शिक्षा दी जा रही है, जिसमें उनकी शिक्षा, भोजन और आवास की समस्त व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जा रही है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र को आत्मसात करते हुए केंद्र और राज्य सरकारें श्रमिकों के समग्र कल्याण के लिए समर्पित हैं।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्किल इंडिया मिशन के अंतर्गत पहली बार अलग से विभाग बनाकर युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने का अभूतपूर्व प्रयास किया गया है। इसी दिशा में उत्तराखंड में भी स्किल डेवलपमेंट मिशन सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है, जिससे हजारों युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक पुनरुत्थान की बात करते हुए कहा कि आज भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत को पुनः प्रतिष्ठित कर रहा है। उन्होंने भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, बद्रीनाथ मास्टर प्लान और केदारनाथ पुनर्निर्माण जैसे कार्यों का उल्लेख करते हुए श्रमिकों की भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा कि इन निर्माण कार्यों में श्रमिकों की मेहनत और समर्पण का बड़ा योगदान रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से श्रमिकों के लिए आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा कार्ड, स्वास्थ्य बीमा और अन्य योजनाएं संचालित की जा रही हैं। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि श्रमिक समाज के किसी भी कोने में उपेक्षित न रहे।कार्यक्रम में विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, मेयर किरन जेसल, भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री रविंद्र मितरे, प्रदेश अध्यक्ष उमेश जोशी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अनुपम, यूनियन महामंत्री सुमित सिंघल, बीजेपी जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, लव शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष शौभाराम प्रजापति, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल सहित अनेक अधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।मुख्यमंत्री के भाषण से कार्यक्रम स्थल पर मौजूद श्रमिकों, कार्यकर्ताओं और युवाओं में ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हुआ। मुख्यमंत्री ने अंत में सभी से आह्वान किया कि वे “विकसित भारत 2047” के संकल्प में सहभागी बनें और देश को आत्मनिर्भर, सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए श्रमयोग से राष्ट्रयोग की दिशा में निरंतर आगे बढ़ें।

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