(शहजाद अली हरिद्वार) हरिद्वार।हरिद्वार की फार्मा इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है। FDA की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक के बाद एक फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। अपर आयुक्त ताजबर सिंह के सख्त निर्देशों पर दवा निर्माण में अनियमितता बरतने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
ऐसे सभी संस्थानों पर पैनी निगरानी रखी जा रही है, जहां स्टॉप प्रोडक्शन के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। यदि किसी कंपनी में चोरी-छिपे निर्माण गतिविधियां पाई जाती हैं, तो उसका लाइसेंस तत्काल रद्द कर दिया जाएगा।इस कार्रवाई की अगुवाई सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती कर रही हैं, जो अपनी टीम के साथ लगातार अभियान चला रही हैं। सबसे पहले सुरक्षा फार्मा पर शिकंजा कसा गया था,
जिसे CDSCO और राज्य औषधि विभाग द्वारा स्टॉप प्रोडक्शन का आदेश दिया गया। वहां निर्माण के दौरान पाई गई कमियों को फिलहाल ठीक किया जा रहा है।
इसके बाद THRIPT फार्मा का भी औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें कुछ छोटी तकनीकी खामियां मिलीं। इन्हें सुधारने के निर्देश देकर कंपनी को अलर्ट मोड में रखा गया है।
लेकिन सबसे चौंकाने वाला मामला तब सामने आया, जब टीम US & VG हेल्थकेयर के प्लांट पर पहुंची। वहां कंपनी के गेट पर कोई बोर्ड तक नहीं लगा था, जिससे टीम को शक हुआ।
निरीक्षण करने की कोशिश की गई, लेकिन गेट अंदर से बंद था। तुरंत पुलिस बुलाकर ताले खुलवाए गए। जब टीम अंदर पहुंची तो स्थिति बेहद गंभीर थी।न प्लांट में कोई योग्य केमिस्ट मौजूद था, न गुणवत्ता नियंत्रण की व्यवस्था। सबसे हैरानी की बात ये थी कि ISO और GMP प्रमाण पत्र होने के बावजूद दवाओं का निर्माण बेहद लापरवाही और नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा था।
न उत्पादन प्रक्रिया मानकों के अनुसार थी, न ही कोई पारदर्शिता। ऐसी स्थिति में मौके पर ही दवाओं की सप्लाई पर रोक लगा दी गई और कंपनी को स्टॉप प्रोडक्शन का आदेश थमा दिया गया।
FDA ने दो टूक कह दिया है कि दवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। नियमों से खेलने वालों को चेतावनी नहीं, सीधा लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई झेलनी होगी।
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि अगली बारी किसकी होगी। FDA की टीम का ऑपरेशन अभी जारी है और हरिद्वार की फार्मा इंडस्ट्री में अफरा-तफरी मची हुई है।
यह अभियान संकेत है कि दवा उद्योग में अब केवल क्वालिटी ही चलेगी, लापरवाही की कोई जगह नहीं है।
