(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार में सावन माह के दौरान आयोजित कांवड़ मेले में इस बार भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
शिवभक्त उत्तर भारत के कोने-कोने से हरिद्वार पहुंचकर गंगाजल लेकर अपने-अपने शिवालयों की ओर लौट रहे हैं। इस श्रद्धा और आस्था के महाकुंभ में जहाँ एक ओर भक्त पूरी निष्ठा से बाबा भोलेनाथ के लिए जल लेकर यात्रा कर रहे हैं,
वहीं दूसरी ओर हरिद्वार पुलिस भी पूरी तत्परता से उनकी सुरक्षा, व्यवस्था और सुविधा सुनिश्चित कर रही है।
रविवार को कांवड़ मेले के तीसरे दिन हरिद्वार पुलिस ने एक विशेष पहल के तहत कांवड़ पटरी पर चलते हुए कांवड़ियों का फूल बरसाकर स्वागत किया।
बहादराबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत कांवड़ पटरी पर पुलिस बल की ओर से यह आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस कर्मियों ने कांवड़ियों पर फूलों की वर्षा की, साथ ही पानी की बोतलें, बिस्किट और केले भी वितरित किए।
इस अवसर पर स्वयं हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रमेन्द्र डोभाल मौके पर पहुंचे और व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए कांवड़ियों से बातचीत की।
एसएसपी डोभाल ने बताया कि मेले के तीसरे दिन तक के आंकड़ों के अनुसार लगभग 30 लाख कांवड़िए हरिद्वार से जल भरकर रवाना हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि हर कांवड़ यात्री की सुरक्षा, सुविधा और सम्मान में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
इसी दिशा में काम करते हुए उत्तराखंड पुलिस चौबीसों घंटे मैदान में डटी हुई है।
एसएसपी ने यह भी स्वीकार किया कि कुछ स्थानों पर छोटी-मोटी घटनाएं हुई हैं, लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई करते हुए हालातों को पूरी तरह नियंत्रित कर लिया।
हरिद्वार पुलिस की यह पहल जहां सुरक्षा और व्यवस्था के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाती है,
वहीं कांवड़ियों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का यह भाव जनता में सकारात्मक संदेश भी दे रहा है। श्रद्धालुओं ने भी पुलिस के इस व्यवहार की खुले दिल से सराहना की।
पुलिस द्वारा किए गए इस स्वागत ने न सिर्फ कांवड़ियों को ऊर्जा दी, बल्कि यह भी दिखाया कि प्रशासन केवल सख्ती नहीं, सेवा और सहयोग का चेहरा भी रखता है।
सावन माह में शिवभक्तों की आस्था, हरिद्वार की पावन भूमि और उत्तराखंड पुलिस की सेवा भावना – इन तीनों के सुंदर समन्वय से यह कांवड़ मेला सफल और यादगार बनता जा रहा है।
अंततः यही कहा जा सकता है कि हरिद्वार पुलिस की यह पहल “सेवा ही धर्म है” की सच्ची मिसाल बन चुकी है।




































