(शहजाद अली हरिद्वार)देहरादून। उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति बनाने के लिए कमर कस ली है। शनिवार को देहरादून स्थित कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने की, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत सहित अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बैठक के बाद कहा कि राज्य सरकार की ओर से पंचायत चुनावों को दो चरणों में कराने का फैसला बेहद संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने और सत्ता पक्ष की मदद के उद्देश्य से किया गया निर्णय है। माहरा ने कहा, “12 जिलों में एक साथ चुनाव न कराना, रोस्टर को शून्य करना, और आरक्षण व्यवस्था में हस्तक्षेप यह दर्शाता है कि धामी सरकार चुनाव में निष्पक्षता नहीं चाहती।”
बैठक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए कांग्रेस ने तीन चरणों की रणनीति तैयार की है। पहले चरण में ग्राम सभा और बीडीसी सदस्यों की स्थिति का आकलन किया जाएगा। दूसरे चरण में जिला स्तरीय पदाधिकारी बीडीसी सदस्यों से समन्वय स्थापित करेंगे और समस्त चुनावी गतिविधियों पर नज़र रखेंगे। तीसरे चरण में राज्य स्तरीय प्रभारी जिला स्तर पर जाकर स्थानीय नेतृत्व से फीडबैक लेंगे। अंत में, अंतिम समीक्षा पीसीसी स्तर पर होगी, जिसमें ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवारों पर निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि आरक्षण की वर्तमान रोटेशन प्रक्रिया में SC, ST, OBC और महिलाओं के आरक्षण को प्रभावित किया गया है, जो कांग्रेस के नेताओं के अनुसार नियमों के विपरीत है। सभी वरिष्ठ नेताओं ने 24 जून को कोर्ट से आने वाले फैसले की प्रतीक्षा की बात भी कही।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और अन्य नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पूरी ताकत के साथ पंचायत चुनाव लड़ेगी और जनता के मुद्दों को केंद्र में रखकर बीजेपी की “साजिशों” को बेनकाब किया जाएगा। संगठनात्मक दृष्टिकोण से यह बैठक कांग्रेस के चुनावी अभियान का प्रारंभ मानी जा रही है।
