(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार में सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले ‘किसान महाकुंभ’ की शुरुआत हुई। यह आयोजन लाल कोठी में आयोजित किया गया है, जहां देशभर से हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए हैं। इससे पूर्व वीआईपी घाट पर मेरठ मंडल के किसान नेताओं की बैठक हुई जिसमें राकेश टिकैत की मौजूदगी विशेष रूप से चर्चा का विषय रही।
राकेश टिकैत ने इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि “सरकार के 11 साल और हमारे 11 सवाल” – यही इस महाकुंभ का मूल उद्देश्य है।
टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों की जमीनी समस्याओं को समझना होगा और MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी को कानून बनाकर लागू करना होगा।
इसके साथ ही उन्होंने निजीकरण, बिजली कानून, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग दोहराई।
उन्होंने आगे कहा कि डेयरी किसानों की अनदेखी हो रही है, भूमिहीन किसान बदहाली में जी रहे हैं और सरकार इंडस्ट्रीज और सड़कों के नाम पर किसानों की ज़मीनें छीन रही है। यह नीति किसानों को बर्बादी की ओर ले जा रही है।
किसान महाकुंभ में इन मुद्दों पर विचार-विमर्श कर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।
टिकैत ने स्पष्ट किया कि यदि इन 11 सवालों का जवाब सरकार नहीं देती, तो आने वाले समय में देशव्यापी आंदोलन की योजना बनाई जाएगी।
यह महाकुंभ किसानों की एकजुटता और सरकार से जवाब मांगने की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक बन गया है।
