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हरिद्वार में झोपड़ी में लगी आग से मासूम की मौत, भाई गंभीर रूप से झुलसा — मोमबत्ती बनी हादसे का कारण

(शहजाद अली हरिद्वार) हरिद्वार। हरिद्वार के चंडी घाट पुल के समीप गौरीशंकर पार्किंग क्षेत्र में बुधवार रात एक हृदय विदारक हादसा हो गया। एक अस्थायी झोपड़ी में आग लगने से उसमें सो रहे दो मासूम बच्चे झुलस गए। हादसे में तीन वर्षीय कृष्णा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार वर्षीय मुन्ना 30 प्रतिशत झुलस गया।

उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है और उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है।पीड़ित परिवार बिहार के पटना जिले के पाडलीगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला है। 34 वर्षीय सोनू, पत्नी सुनीता (30 वर्ष), दो बेटियां नंदिनी (9 वर्ष) और मुस्कान (6 वर्ष) तथा दो बेटे कृष्णा और मुन्ना के साथ रोज़गार की तलाश में हरिद्वार आया था और गौरीशंकर पार्किंग क्षेत्र में झोपड़ी बनाकर रह रहा था। बुधवार रात सोनू ने अपने दोनों बेटों को झोपड़ी के भीतर सुला दिया और खुद पत्नी व बेटियों के साथ बाहर सो गया।परिवार के अनुसार, झोपड़ी में रोशनी के लिए मोमबत्ती जलाई गई थी, जो संभवतः गिर गई और धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप ले लिया। जब तक परिवार कुछ समझ पाता, झोपड़ी आग की लपटों में घिर चुकी थी। बच्चों की चीख सुनकर आसपास के लोग जमा हुए और पुलिस को सूचना दी गई। थानाध्यक्ष नितेश शर्मा मौके पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड की मदद से आग पर काबू पाया गया। फोरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य एकत्र किए।मुन्ना को पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, वह 30% झुलसा है और हालत गंभीर बनी हुई है। क्षेत्राधिकारी नगर शिशुपाल सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।इस दर्दनाक हादसे से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

यह घटना बताती है कि झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए अग्नि सुरक्षा के उपाय कितने जरूरी हैं।

मोमबत्ती जैसी छोटी चीज भी लापरवाही के कारण जानलेवा साबित हो सकती है।

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