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“आर्थिक तंगी और टूटी उम्मीदें: एक परिवार की सामूहिक आत्महत्या की दिल दहला देने वाली कहानी”

(शहजाद अली हरिद्वार)हरियाणा के पंचकूला में घटी एक दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। देहरादून निवासी प्रवीण मित्तल ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर अपनी पत्नी, माता-पिता और तीन बच्चों समेत आत्महत्या कर ली।

सातों लोग कार में जहर खाकर मरे पाए गए। घटना से पहले परिवार बागेश्वर धाम की कथा में शामिल हुआ था और लौटते समय सेक्टर 27 में कार में ही जहर खा लिया।घटना के समय ड्राइवर सीट पर बैठे प्रवीण मित्तल जीवित थे, लेकिन गंभीर हालत में थे। उन्होंने राहगीरों को बताया कि परिवार भारी कर्ज में था, इसलिए सभी ने आत्महत्या कर ली। बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया।

पुलिस को मौके से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला जिसमें प्रवीण ने खुद को जिम्मेदार ठहराया और अपने ससुर को दोष न देने की अपील की। उन्होंने यह भी लिखा कि उनके अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उनके मामा के बेटे को दी जाए।

प्रवीण मित्तल का टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस देहरादून में था, जो लंबे समय से घाटे में चल रहा था। इससे परिवार पर कर्ज का बोझ बढ़ता गया और वे मानसिक रूप से टूट गए।

यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि एक बड़े सामाजिक मुद्दे की ओर इशारा करती है। आर्थिक असफलता और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी किस कदर खतरनाक हो सकती है, इसका यह दर्दनाक उदाहरण है। ऐसे हालात में समय रहते मदद लेना, सलाह मशविरा करना और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है।

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