(शहजाद अली हरिद्वार) हरिद्वार, 06 सितम्बर 2025।
धार्मिक नगरी हरिद्वार में शनिवार का दिन परिवहन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के नाम रहा।
एआरटीओ (प्रशासन) निखिल शर्मा, (एआरटीओ (ई) नेहा झा) (वरुणा सैनी टी टी ओ) तथा क्षेत्रीय निरीक्षकों की टीम ने शहर और बाहरी क्षेत्रों में बसों और अन्य सार्वजनिक वाहनों की सघन जाँच की।
जाँच का दायरा इतना व्यापक था कि निजी बसों से लेकर सरकारी रोडवेज़ बसें और स्कूल वाहनों तक सबको परखा गया। परिणाम चौंकाने वाले रहे।
उल्लंघनों की लंबी लिस्ट
टीम ने जिन वाहनों की जांच की उनमें से कई गंभीर खामियों के साथ सड़कों पर दौड़ रहे थे। कार्रवाई के दौरान निम्नलिखित प्रमुख उल्लंघन सामने आए:
- रिफ्लेक्टर टेप का अभाव – रात में दुर्घटना की संभावना कई गुना बढ़ाने वाला बड़ा कारण।
- प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल – ध्वनि प्रदूषण और यात्रियों की परेशानी का प्रमुख कारक।
- गैर-वर्दीधारी कर्मचारी – ड्राइवर और कंडक्टरों का बिना यूनिफॉर्म संचालन।
- कूड़ेदान का न होना – स्वच्छता नियमों का खुला उल्लंघन।
- एचएसआरपी प्लेट का अभाव – सुरक्षा मानकों की अनदेखी।
- बिना परमिट, बिना टैक्स और बिना लाइसेंस संचालन – सरकारी राजस्व और कानून दोनों के साथ खिलवाड़।
- ओवरलोडिंग – यात्रियों की जान को जोखिम में डालने वाली प्रवृत्ति।
इन उल्लंघनों पर विभाग ने 25 वाहनों के चालान किए और 5 वाहन सीज़ कर लिए। साथ ही एक बस की स्थिति इतनी खराब पाई गई कि उसकी फिटनेस रद्द करने की अनुशंसा कर दी गई।
रोडवेज़ की बसें भी कठघरे में
अब तक माना जाता था कि निजी बस ऑपरेटर ही नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हैं, लेकिन शनिवार की कार्रवाई ने इस भ्रांति को तोड़ दिया। जब अधिकारियों ने रोडवेज़ की बसों की जाँच की तो खुलासा हुआ कि किसी भी बस में उचित रिफ्लेक्टर टेप और कूड़ेदान मौजूद नहीं था।
यही नहीं, कई बसों में तकनीकी कमियाँ और रखरखाव की लापरवाहियाँ साफ दिखीं। अधिकारियों ने साफ कहा कि यदि रोडवेज़ खुद नियमों का पालन नहीं करेगा तो निजी ऑपरेटरों को रोकना और कठिन होगा।
इसलिए अगले दो दिनों में हरिद्वार डिपो की सभी बसों की संयुक्त जांच तय की गई है। यदि कोई बस मानकों पर खरी नहीं उतरी तो उसकी फिटनेस रद्द करने तक की कार्रवाई होगी।
शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर शिकंजा
एसएचओ श्यामपुर और पुलिस टीम ने एआरटीओ अधिकारियों के साथ मिलकर सड़क पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर भी कार्रवाई की।
कई वाहनों को रोका गया, चालकों की ब्रेथ एनालाइज़र से जांच हुई। जिन पर शराब सेवन की पुष्टि हुई, उनके खिलाफ तत्काल चालान और वाहन सीज़ की कार्रवाई की गई।
इंटरसेप्टर ने दिखाई तेज़ी
हरिद्वार में तैनात इंटरसेप्टर यूनिट ने भी अलग से अभियान चलाते हुए 30 वाहन चालान किए और 5 वाहन सीज़ किए। यह कार्रवाई खासकर तेज़ रफ़्तार और गलत दिशा में गाड़ी चलाने वालों पर केंद्रित रही।
स्कूल वाहनों पर कड़ी निगरानी
जिला प्रशासन और परिवहन विभाग का सबसे बड़ा जोर विद्यालयी वाहनों पर है। टीम ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के साथ किसी भी स्तर पर समझौता स्वीकार्य नहीं है। इसलिए लगातार स्कूल बसों और वैन का निरीक्षण किया जा रहा है।
कई स्थानों पर बिना फायर एग्ज़िट, ओवरलोडिंग और पुराने टायर जैसी कमियाँ सामने आईं। अभिभावकों से भी अपील की गई है कि वे समय-समय पर अपने बच्चों के स्कूल वाहनों की स्थिति की जानकारी लें।
एआरटीओ (प्रशासन) निखिल शर्मा
“हमारी प्राथमिकता चालान काटना नहीं बल्कि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना है। नियम तोड़ने वाले वाहन चालक न सिर्फ अपने बल्कि यात्रियों और आमजन की जान को खतरे में डालते हैं। हरिद्वार में प्रतिदिन हज़ारों यात्री आते हैं, ऐसे में कोई भी लापरवाही अस्वीकार्य है। हमने 25 चालान और 5 वाहन सीज़ किए हैं। एक बस की हालत इतनी खराब थी कि उसकी फिटनेस रद्द करने की सिफारिश की गई है। आगे भी यह अभियान नियमित चलेगा।”
एआरटीओ (एन्फोर्समेंट) नेहा जहाँ
“आज की कार्रवाई में यह देखकर निराशा हुई कि रोडवेज़ की बसें भी मानकों पर खरी नहीं उतरीं। यह बहुत गंभीर है क्योंकि सरकारी परिवहन को आदर्श स्थापित करना चाहिए। किसी भी बस में रिफ्लेक्टर टेप या डस्टबिन तक नहीं था। हमने तय किया है कि अगले दो दिनों में हरिद्वार डिपो की सभी बसों की गहन जांच होगी। यदि खामियाँ मिलीं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। नियम सबके लिए समान हैं — चाहे निजी वाहन हों या सरकारी।”
एआरटीओ (ईस्ट) वरुणा सैनी
“जाँच में सामने आया कि कई वाहन बिना परमिट और टैक्स के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इससे न केवल कानून व्यवस्था प्रभावित होती है बल्कि राजस्व का नुकसान भी होता है। ओवरलोडिंग भी बड़ी समस्या है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमने निजी बसों के साथ-साथ विद्यालयी वाहनों का भी निरीक्षण किया। बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। अभिभावकों से भी अपील है कि वे स्कूल प्रबंधन से वाहनों की स्थिति की नियमित जानकारी लेते रहें।”
निष्कर्ष
शनिवार का यह अभियान हरिद्वार की परिवहन व्यवस्था की सच्चाई को उजागर करता है।
निजी और सरकारी दोनों ही क्षेत्र में लापरवाहियाँ आम हैं। लेकिन एआरटीओ टीम ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि अब नियमों के उल्लंघन पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
आने वाले दिनों में रोडवेज़ डिपो की बसों की फिटनेस जांच और विद्यालयी वाहनों पर निगरानी निश्चित रूप से शहर की परिवहन व्यवस्था को सुरक्षित बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगी







































