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“भक्ति और आस्था के महासंगम में रंगी बहादराबाद की धरती, विधायक आदेश चौहान और ग्राम प्रधान नीरज चौहान ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में पहुंचकर लिया भगवान का आशीर्वाद, श्रद्धालुओं संग साझा की शुभकामनाएं”

(शहजाद अली हरिद्वार)बहादराबाद क्षेत्र में इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व बड़े ही धूमधाम और धार्मिक आस्था के साथ मनाया गया। पर्व का आयोजन श्रीकृष्ण युवा मंडल, बाल कृष्ण युवा मंडल तथा प्राचीन महाकाली माता मंदिर साधक परिवार के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। आयोजन स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए और देर रात तक श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की भव्य झांकियों, भजन-कीर्तन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया।इस अवसर पर रानीपुर विधायक आदेश चौहान और बहादराबाद ग्राम प्रधान नीरज चौहान ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। दोनों जनप्रतिनिधियों ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर मंदिर पहुंचकर श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की और उपस्थित श्रद्धालुओं व आयोजकों को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

धार्मिक आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम

जन्माष्टमी पर्व भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा में विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि इसी दिन द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण रूप में मथुरा की कारागार में जन्म लिया था और अपने दिव्य कार्यों से धर्म की स्थापना की। बहादराबाद में आयोजित यह उत्सव भी आस्था और भक्ति का केंद्र बना।सुबह से ही मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी झालरों, फूलों और रोशनी से सजाया गया था। शाम ढलते ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया। महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनकर पूजा में सम्मिलित हुईं और पुरुषों ने भी पूरी निष्ठा से भगवान का कीर्तन किया।

भजन-कीर्तन और झांकियों ने बांधा समां

कार्यक्रम की शुरुआत भजन-कीर्तन से हुई। स्थानीय कलाकारों और मंडली ने श्रीकृष्ण भक्ति से ओतप्रोत गीत प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु झूम उठे। इसके साथ ही अलग-अलग मंचों पर रासलीला और माखन चोरी की झांकियां सजाई गईं। छोटे-छोटे बच्चों ने बाल गोपाल की वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे देखकर हर किसी का मन प्रसन्न हो उठा।आधी रात को जैसे ही श्रीकृष्ण जन्म का समय हुआ, पूरे वातावरण में “हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की” के जयकारे गूंज उठे। मंदिर की घंटियां और शंखनाद ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय बना दिया।

विधायक आदेश चौहान और ग्राम प्रधान का संबोधन

मंच से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि –
“भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कर्मयोग, सत्य और धर्म की रक्षा का जो संदेश दिया है, उसे जीवन में अपनाने की आवश्यकता है। जन्माष्टमी जैसे पर्व समाज को जोड़ते हैं और हमारी सनातन संस्कृति को मजबूत बनाते हैं।”

वहीं ग्राम प्रधान नीरज चौहान ने कहा –

“बहादराबाद की धरती पर इस तरह का आयोजन गांव की एकता और धार्मिकता को दर्शाता है। यह सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक है। भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से हमारे गांव में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।”दोनों जनप्रतिनिधियों ने आयोजक समितियों की सराहना की और भविष्य में भी इस तरह के धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों को प्रोत्साहित करने का आश्वासन दिया।

आयोजकों की मेहनत और जनता का उत्साह

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीकृष्ण युवा मंडल, बाल कृष्ण युवा मंडल और महाकाली माता मंदिर साधक परिवार के सदस्यों ने दिन-रात मेहनत की। गांव के युवाओं ने मंच सज्जा, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाई। महिलाओं ने सामूहिक रूप से भजन संकीर्तन में सहयोग किया और प्रसाद वितरण में भाग लिया।गांव के बुजुर्गों ने कहा कि इस बार जन्माष्टमी का आयोजन पिछले वर्षों की तुलना में और भी भव्य रहा। खासकर बच्चों की भागीदारी ने उत्सव में चार चांद लगा दिए।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

जन्माष्टमी सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी अहम है। इस तरह के कार्यक्रम ग्रामीण समाज में आपसी भाईचारे और एकता को मजबूत करते हैं। जब पूरा गांव एक साथ मिलकर भगवान का उत्सव मनाता है तो वहां का वातावरण सकारात्मक और उत्साहपूर्ण बन जाता है।

कार्यक्रम में शामिल हुए एक श्रद्धालु ने कहा –

“आज के समय में जब लोग व्यस्त जीवन जी रहे हैं, ऐसे उत्सव हमें हमारी जड़ों और परंपराओं से जोड़ते हैं। गांव का हर व्यक्ति इस आयोजन का हिस्सा बनता है, यही इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती है।”

निष्कर्ष

बहादराबाद में आयोजित यह श्रीकृष्ण जन्मोत्सव आस्था, भक्ति और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम बन गया। विधायक आदेश चौहान और ग्राम प्रधान नीरज चौहान की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की गरिमा को और भी बढ़ा दिया।

रात्रि भर गूंजते भजन-कीर्तन, सजीव झांकियां और श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि भगवान श्रीकृष्ण के प्रति लोगों की आस्था आज भी उतनी ही गहरी है जितनी सदियों पहले थी।यह उत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक संरक्षण और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश देने वाला पर्व साबित हुआ। बहादराबादवासियों के लिए यह जन्माष्टमी हमेशा यादगार रहेगी।

 

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