न्यूज़ फ्लैश
बंद पड़े मकान में बड़ी चोरी: चोरों ने उड़ाई नकदी और लाखों के जेवरात, CCTV में कैद हुए संदिग्ध श्रावण कांवड़ मेला 2025: हरिद्वार में उत्तराखंड-यूपी पुलिस की समन्वय बैठक, सुरक्षा और यातायात योजनाओं पर बनी रणनीति शिवालिक नगर में विकास को मिली नई रफ्तार: वार्ड 4 में नाली व पुलिया निर्माण कार्य का भव्य शुभारंभ बहादराबाद में पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट से मचा हड़कंप: दो लोग गंभीर रूप से घायल, आग में जलकर खाक हुआ लाखों का माल, दमकल और पुलिस टीम मौके पर जुटी बहादराबाद में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्ष पूर्ण होने पर चौपाल का आयोजन, अहमदाबाद और केदारनाथ हादसों पर रखी श्रद्धांजलि पंचायतों की मजबूती से ही बनेगा आत्मनिर्भर और विकसित भारत: राज्य वित्त आयोग की कार्यशाला में जनप्रतिनिधियों ने रखे सुझाव
Home » Uncategorized » गगनयान की तैयारी से भारत आत्मनिर्भर और अग्रणी अंतरिक्ष राष्ट्र की ओर अग्रसर: त्रिवेंद्र

गगनयान की तैयारी से भारत आत्मनिर्भर और अग्रणी अंतरिक्ष राष्ट्र की ओर अग्रसर: त्रिवेंद्र

(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार के सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन से संबंधित संसदीय समिति के साथ चार दिवसीय अध्ययन दौरे पर आंध्र प्रदेश के चेन्नई, श्रीहरिकोटा और तिरुपति का दौरा किया।

इस दौरे का उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक, पर्यावरणीय और तकनीकी प्रगति का अवलोकन और मूल्यांकन करना था।

श्रीहरिकोटा में उन्होंने PSLV C-61/EOS-09 प्रक्षेपण को प्रत्यक्ष रूप से देखा, जो उनके लिए एक प्रेरणादायक अनुभव रहा।

उन्होंने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) और अंतरिक्ष विभाग के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों से भी मुलाकात की और विभिन्न अंतरिक्ष अभियानों की तैयारियों और चुनौतियों पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि भारत द्वारा चंद्रयान-3, आदित्य L1 जैसे मिशनों की सफलता और गगनयान की सक्रिय तैयारी देश को आत्मनिर्भर और विश्व के अग्रणी अंतरिक्ष राष्ट्रों की श्रेणी में स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

श्री रावत ने कहा कि यह अध्ययन दौरा नीति निर्माण, अनुसंधान और CSR गतिविधियों के संदर्भ में ठोस जानकारी और तथ्य प्रदान करता है।

इससे सरकार को विज्ञान और पर्यावरण के क्षेत्र में अधिक प्रभावी और व्यवहारिक नीतियाँ बनाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने वैज्ञानिकों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम न केवल तकनीकी क्षमता का प्रतीक है, बल्कि यह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।


यह दौरा भारत की वैज्ञानिक प्रगति की नई दिशा और संभावनाओं का संकेत है।

293 Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!