(शहजाद अली हरिद्वार)हरिद्वार, 18 जुलाई 2025 – सावन के पावन महीने में आयोजित हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर हरिद्वार जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। हरिद्वार में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए गंगाजल लेकर रवाना होते हैं, और इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार जिला प्रशासन ने आधुनिक तकनीकी संसाधनों के साथ ही मजबूत मानवीय व्यवस्था भी लागू की है।
कांवड़ियों की यात्रा को सरल, सुखद और पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल स्वयं मैदान में उतरकर प्रत्येक स्तर पर निगरानी कर रहे हैं।
प्रशासन द्वारा इस बार यात्रा प्रबंधन में ड्रोन कैमरे, सीसीटीवी, जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट, सफाई एवं स्वास्थ्य टीमें, पेयजल सुविधा, अस्थाई दुकानों का रेगुलेशन और व्हाट्सएप कम्युनिकेशन चैनल जैसी कई व्यवस्थाओं को एक साथ समन्वित किया गया है।
इसके बावजूद अधिकारी खुद भी स्थल निरीक्षण करते हुए न केवल कार्मिकों को निर्देश दे रहे हैं, बल्कि कांवड़ियों से संवाद कर उनकी राय और आवश्यकताएं भी जान रहे हैं।
बैरागी कैंप का निरीक्षण और व्यवस्थाओं का मूल्यांकन
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शुक्रवार को बैरागी कैंप पहुंचकर वहां की पार्किंग व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ड्रोन कैमरों की सहायता से पार्किंग में खड़े वाहनों की स्थिति का आकलन किया और स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी हालत में वाहन सड़क पर खड़े न हों। पार्किंग व्यवस्था को इस प्रकार संचालित किया जाए जिससे वाहनों की निकासी आसान हो और किसी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सुपर जोनल, जोनल एवं सेक्टर मजिस्ट्रेटों से वार्ता करते हुए शौचालयों की सफाई, जलापूर्ति, पेयजल की उपलब्धता और सफाई व्यवस्था की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी सफाई कर्मी रोस्टर के अनुसार कार्य करें और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सफाई व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अस्थाई दुकानों पर नियंत्रण और सार्वजनिक सुविधा
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि बैरागी क्षेत्र सहित संपूर्ण कांवड़ मार्ग पर लगाई गई अस्थाई दुकानों पर रेस्ट लिस्ट (दर सूची) चस्पा कराना अनिवार्य किया जाए। इससे श्रद्धालुओं से अनुचित मूल्य वसूली पर रोक लगेगी और प्रशासन द्वारा निर्धारित दरों का पालन सुनिश्चित होगा। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि श्रद्धालुओं का विश्वास भी प्रशासन पर कायम रहेगा।
रोड़ीबेलवाला क्षेत्र का निरीक्षण और राइजिंग मेन लीकेज पर एक्शन
निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने रोड़ीबेलवाला पार्किंग क्षेत्र का भी दौरा किया। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि जल संस्थान की राइजिंग मेन लाइन लीक हो जाने के कारण पानी के अधिक दबाव से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।
इस पर उन्होंने तुरंत संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द मरम्मत का कार्य प्रारंभ किया जाए और देर रात्रि तक सड़क को यातायात के लिए पूर्ण रूप से चालू किया जाए।
इस प्रकार की त्वरित कार्रवाई यह दर्शाती है कि प्रशासन न केवल समस्याओं को नोट कर रहा है, बल्कि समाधान के लिए तत्परता भी दिखा रहा है। कांवड़ यात्रा जैसे विशाल आयोजन में, जहां हर पल हजारों की संख्या में लोग आवाजाही कर रहे हैं, ऐसे में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
तकनीक और मानवीय निगरानी का सशक्त मिश्रण
यात्रा के दौरान किसी भी आपात या सामान्य समस्या की तत्काल रिपोर्टिंग और समाधान सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने व्हाट्सएप ग्रुपों की व्यवस्था की है। प्रत्येक सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल अधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी इन ग्रुप्स से जुड़े हैं। समस्याओं की जानकारी तुरंत साझा की जाती है और समाधान के लिए संबंधित विभाग सक्रिय हो जाते हैं।
जिलाधिकारी स्वयं इन व्हाट्सएप ग्रुप्स की निगरानी कर रहे हैं और पल-पल की गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए हैं। यह पहल इस बात का उदाहरण है कि तकनीक का इस्तेमाल केवल औपचारिकता के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था को धरातल पर सशक्त बनाने के लिए किया जा रहा है।
सभी विभागों का समन्वय और नेतृत्व की स्पष्टता
निरीक्षण के दौरान सचिव एचआरडीए मनीष सिंह, उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता सिंचाई ओम जी गुप्ता, सुपर जोनल मजिस्ट्रेट डीके चंद, जोनल मजिस्ट्रेट डॉ. विकास ठाकुर, और सेक्टर मजिस्ट्रेट प्रभात कुमार सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इससे यह स्पष्ट होता है कि हर विभाग को अपनी भूमिका का बोध है और जिलाधिकारी के नेतृत्व में समन्वित प्रयास हो रहे हैं।
ड्यूटी पर तैनात कर्मियों का उत्साहवर्धन
प्रशासनिक निरीक्षण केवल निर्देश तक ही सीमित नहीं रहा। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों और अन्य स्टाफ का मनोबल भी बढ़ाया। उन्होंने अच्छे कार्य करने वाले कार्मिकों की स्वयं प्रशंसा करते हुए उन्हें सम्मानित किया, जिससे निचले स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है।
निष्कर्ष
हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान जो विशाल जनसमूह उमड़ता है, उसकी सुव्यवस्थित मेजबानी करना प्रशासन के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। लेकिन इस वर्ष का आयोजन यह स्पष्ट संदेश दे रहा है कि यदि तकनीक, समर्पित नेतृत्व, समन्वय और जनसंपर्क साथ हो, तो किसी भी बड़े आयोजन को सुरक्षित और सुव्यवस्थित रूप में सम्पन्न कराया जा सकता है।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल द्वारा किए जा रहे प्रयास निश्चित रूप से आदर्श प्रशासनिक कार्यप्रणाली की मिसाल हैं। न केवल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं, बल्कि श्रद्धालुओं को मानवता के भाव से सेवा देने का भी संकल्प इस प्रशासन के कार्यों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
कांवड़ यात्रा के इस पावन अवसर पर हरिद्वार प्रशासन की यह सक्रियता, सुरक्षा और सेवा दोनों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है — और यही है उत्तराखंड की ‘अतिथि देवो भव’ की आत्मा।
